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पटना। जाति आधारित गणना के आंकड़ों के विश्लेषण किए जाने को ले बना सॉफ्टवेयर कुछ इस तरह का है कि एक क्लिक में यह मालूम हो सकेगा कि किस जिले में कौन जाति के लोगों की संख्या अधिक या कम हैं।
बिहार से बाहर के राज्यों में गए लोगों में किस जाति के लोगों की बहुलता है, इसकी भी जानकारी सहजता से उपलब्ध हो जाएगी।
आंकड़ों को किया जा रहा अपलोड
जाति आधारित गणना के लिए सामान्य प्रशासन विभाग नोडल विभाग है। इस कार्य से संबंधित अधिकारी ने बताया कि फिलहाल सर्वे के तहत जुटाए गए आंकड़ों को सर्वर में अपलोड किए जाने का काम हो रहा है।
अभी यह तारीख तय नहीं हुई है कि इन आंकड़ों के विश्लेषण का काम कब से आरंभ होगा।
पूरे राज्य के अलावा जिलों के लिए भी अलग से बनेगी रिपोर्ट
जाति आधारित गणना से जुड़ी रिपोर्ट पूरे राज्य के लिए समेकित रूप से बनेगी। साथ ही जिलों की रिपोर्ट भी अलग से तैयार होगी।
अलग-अलग जिलों में लोगों की आर्थिक स्थिति क्या है या फिर लोगों के पास किस आकार की जोत है, भूमिहीन लोग कितने हैं या फिर ऐसे लोगों की संख्या कितनी है, जिनके पास रहने को अपना घर है।
यह मालूम हो सकेगा। सामाजिक-आर्थिक स्थिति का पूरा ब्योरा बिना किसी फाइल के एक क्लिक पर कंप्यूटर पर दिखेगा।
बाहर कमाने गए मजदूर व प्रोफेशनल की भी जानकारी मिलेगी
जाति आधारित गणना के तहत उन लोगों का ब्योरा भी प्रगणकों द्वारा जुटाया गया है कि प्रदेश के बाहर बिहारी मूल के कितने कुशल व अकुशल श्रमिक तथा प्रोफेशनल काम कर रहे हैं।
विश्लेषण के क्रम में ऐसे लोगों का ब्योरा भी आसानी से फिल्टर होकर निकल सकेगा। यही नहीं उन राज्यों की जानकारी भी उपलब्ध हो जाएगी कि किस राज्य में बिहार के कितने लोग काम कर रहे हैं।