इमरजेंसी से भी खौफनाक हालत से गुजर रहा देश : प्रो. प्रभात पटनायक
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इमरजेंसी से भी खौफनाक हालत से गुजर रहा देश : प्रो. प्रभात पटनायक

THN Network 

BINOD KARN

BEGUSARAI : JNU के पूर्व प्राध्यापक प्रो. प्रभात पटनायक ने कहा है कि देश इमरजेंसी से भी खौफनाक हालत से गुजर रहा है। इमरजेंसी में तो सिर्फ सरकारी पुलिस सरकार विरोधियों को खदेड़ती, गिरफ्तार व जेल भेजती थी लेकिन आज अघोषित इमरजेंसी के बीच सरकार समर्थित गुंडे व स्पोर्ट्स डंडा लेकर हमला कर देते हैं। इसके अलावा CBI, ED व Income Tax डिपार्टमेंट के अधिकारियों के माध्यम से भी अटैक किया जाता है।




 श्री पटनायक बेगूसराय के गोदरगावां के विप्लवी पुस्तकालय के स्थापना दिवस व सरदार भगत सिंह के शहादत दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में स्वतंत्र भारत के 75 साल, कल, आज और कल विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि आज बराबरी के अधिकार को भी खत्म करने का प्रयास चल रहा है। 

भारत के कारपोरेट घरानों में हिन्दू कैपिटलिज्म : प्रो. पटनायक 

अर्थशास्त्री प्रो पटनायक ने कहा कि आर्थिक उदारीकरण की नीति का कुप्रभाव पूरी दुनिया में देखने को मिल रही है। लेकिन भारत में उदारीकरण नीति के कारण बेरोजगारी बढ़ी है। रोजगार का दर घटकर मात्र एक प्रतिशत रह गया है। भारत के कारपोरेट घरानों में हिन्दुत्व कैप्टेलिज्म घुस गया है जो सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे जो भी हो भारत जब तक नियोकैप्टेलिज्म पालिसी से बाहर नहीं निकलेगा तब तक देश की आर्थिक हालत नहीं सुधर सकती है। आर्थिक हालत सुधारने पर ही उद्योग, रोजगार, व्यापार, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार संभव है। उन्होंने कहा कि जब भी रोजगार के अवसर खत्म होंगे तो सत्ता धार्मिक आस्थाओं को जगा कर अपना उल्लू सीधा करेंगे। लेकिन ये अधिक दिनों तक चलने वाला नहीं है।

देश को दवाई, पढ़ाई और कमाई की जरूरत : प्रो. आनंद कुमार 

इससे पूर्व JNU के प्रो. आनंद कुमार ने कहा कि आजादी के समय ब्रिटिश वालों ने कहा था कि ये सरकार नहीं चला पाएंगे, देश टुकड़े-टुकडे हो जाएंगे। लेकिन आज देश एक है, जो 75 साल की सबसे बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा देश की सबसे बड़ी जरूरत आज दवाई यानी स्वास्थ्य व्यवस्था, पढ़ाई, कमाई यानी रोजगार व मंहगाई है। देश को इन चारों चुनौतियों से निपटने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के व्यवसायीकरण के कारण दलित - पिछड़े वर्ग और गरीब घर के बच्चों को पढ़ाई करना मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने कहा जब देश में प्लानिंग कमीशन था तो रोजगार के मनरेगा ऐसे अवसर तलाशने के काम भी होते थे, लेकिन जबसे नीति आयोग बना है तबसे हो क्या रहा है इसका पता ही नहीं चल रहा है। लगता है सब चौपट हो गया है। उन्होंने कहा कि 74 के जेपी आंदोलन में नारा था रोजी- रोटी दे न सके जो वह सरकार निकम्मी है जो सरकार निकम्मी है वह सरकार बदलनी है। उन्होंने कहा कि आज राजा साहब का विरोध करने पर उसे देश विरोधी करार दिया जाता है।

आजादी और जेपी आंदोलन में जो कहीं नहीं थे वह मांग रहे देशभक्ति का प्रमाण : सिद्दिकी 

इस मौके पर पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि जो आजादी की लड़ाई व 74 के जेपी आंदोलन में कहीं नहीं थे, वे आज हमसे राष्ट्रभक्ति का प्रमाण पत्र मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज सत्तामद में चूर होकर सामाजिक बुनियाद को ढाहने का प्रयास किया जा रहा है जो कभी सफल नहीं हो सकता।
इससे पूर्व काशी विश्वविद्यालय के प्रो अवधेश प्रधान को चतुर्थ नामवर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं पूर्व विधायक राजेंद्र राजन लिखित माधवी सम प्रिय नहीं कोऊ और राजकिशोर सिंह लिखित बीहट के इतिहास पुस्तक का विमोचन अतिथियों ने संयुक्त रूप से किया। 



इस मौके पर प्रो प्रधान ने कहा कि देश के संस्कृति पर हमला सत्तापक्ष के द्वारा हो रहा है जो बड़ा खतरा है। रामचरित मानस व पद्मावत पर तलवार खिंचना अच्छी बात नहीं है। सबकी बात सुनने का धैर्य होना जरूरी है। वहीं पूर्व प्राचार्य डाॅ सीताराम सिंह प्रभंजन ने  विमोचित दोनों पुस्तक की समीक्षा की। इससे पूर्व अतिथियों का स्वागत पूर्व विधायक राजेंद्र राजन ने करते हुए विप्लवी पुस्तकालय के इतिहास पर प्रकाश डाला। समारोह की अध्यक्षता पटना विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी ने की। जबकि संचालन प्रो नीलेश ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत पंजाब के लुधियाना से आए अमर बेल कला के टीम द्वारा प्रस्तुत गुरुवाणी के शबदों से हुआ। धन्यवाद ज्ञापन विप्लवी पुस्तकालय के अध्यक्ष रमेश प्रसाद सिंह ने किया।

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