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हाईकोर्ट ने सरकार को चार हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करने का दिया आदेश
PATNA : पटना हाईकोर्ट ने 5.11 करोड़ रुपए के बखरी नगर पंचायत खरीद घोटाला केस में आरोपी मुख्य पार्षद गीता देवी को अग्रिम जमानत नहीं दी। मंगलवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में सरकार से चार हफ्ते के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई के लिए केस को 11 अप्रैल को लिस्ट करने को कहा है और तब तक आवेदिका के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए हैं।
अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट में आवेदिका गीता देवी की तरफ से सुनवाई करते हुए चर्चित वकील ए के ठाकुर ने अंजनी कुमार शरण की एकल बेंच से अग्रिम जमानत देने की मांग की। मगर कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद तुरंत अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। जस्टिस शरण ने सरकार के वकील दिलीप कुमार से इस मामले में चार हफ्ते के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा और तब तक आवेदिका के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के निर्देश देते हुए मामले को 11 अप्रैल को लिस्ट करने के आदेश दिए हैं।
इससे पहले बेगूसराय जिला अदालत ने घोटाले के इस चर्चित केस में आरोपी बखरी नगर परिषद की मुख्य पार्षद गीता देवी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। हालांकि घोटाले के इस मामले में एफआईआर दर्ज हुए करीब 10 महीने होने को हैं। मगर बखरी पुलिस इस मामले की अब तक ना तो जांच पूरी कर सकी है और ना ही किसी आरोपी की गिरफ्तारी ही हो सकी है।
मालूम हो कि साल 2014 से 2017 के बीच बखरी नगर पंचायत में विभिन्न मदों में हुई खरीद में भारी वित्तीय अनियमितता की निगरानी विभाग ने जांच की थी। साल 2019 में निगरानी विभाग ने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट में इस केस के सभी आठ नामजद आरोपियों को घोटाले का दोषी माना था और साल 2019 में ही सभी पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी दिए थे। निगरानी जांच रिपोर्ट के आलोक में नगर विकास एवं आवास विभाग के अवर सचिव व बेगूसराय डीएम के आदेश पर अंततः ढाई साल बाद बखरी नगर परिषद के जेई दिलीप कुमार ने बखरी थाना में 24.05.2022 को 165/2022 एफआईआर दर्ज कराई थी। घोटाले का मुख्य आरोप बखरी नगर परिषद की मुख्य पार्षद गीता देवी कुशवाहा, पूर्व मुख्य पार्षद कुमारी संगीता राय और आधा दर्जन पूर्व पार्षदों पर है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए गीता देवी समेत अन्य आरोपियों ने पहले बेगूसराय सीजेएम कोर्ट और फिर जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका की गुहार लगाई थी, मगर अदालत ने केस की गंभीरता और अपराध की प्रकृति को देखते हुए सभी की जमानत याचिका ख़ारिज़ कर दी थी। इसके बाद गीता देवी व अन्य आरोपियों ने अग्रिम जमानत के लिए केस लंबित रहने के बीच ही गीता देवी हाल ही में संपन्न हुए बखरी नगर परिषद के मुख्य पार्षद पद के चुनाव में जीतकर एक बार पुनः मुख्य पार्षद बनने में कामयाब रही हैं। बहरहाल इस चर्चित केस में अब सभी की निगाहें हाईकोर्ट पर है।
ये हैं घोटाले के आरोपी
करोड़ों रुपए के इस खरीद घोटाले में बखरी नगर की वर्तमान मुख्य पार्षद गीता देवी के अलावा सात पूर्व पार्षदों- पूर्व मुख्य पार्षद कुमारी संगीता राय, वार्ड 18 की पूर्व पार्षद कल्याणी देवी, वार्ड-4 की पूर्व पार्षद कुमारी वीणा, वार्ड-2 की पूर्व पार्षद शायरा खातुन, वार्ड 14 की पूर्व पार्षद माधुरी देवी, वार्ड-7 के पूर्व पार्षद अशोक कुमार राय और वार्ड-8 के पूर्व पार्षद उमेश रजक को वित्तीय अनियमितता और सरकारी राशि गबन के मामले में आरोपित हैं।