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बिहार में जल प्रलय की आशंका, सरकार ने लोगों को किया HIGH RED ALERT
Bihar- Nepal Border : बिहार के बड़े हिस्से में जल प्रलय की आशंका है। सरकार ने High Red Alert जारी करते हुए लोगों से सुरक्षित और ऊंचाई वाले स्थानों पर तुरंत जाने को कहा है। खासतौर पर कोसी नदी और गंडक नदी के किनारे बसे गांवों और कस्बों के लोगों को तत्काल गांव खाली कर सुरक्षित और ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने को कहा है। सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, गोपालगंज, बेतिया आदि जिलों में बाढ की आशंका जताई जा रही है।
दरअसल कोसी और गंडक नदी में पानी का जलस्तर खतरनाक सीमा को पार कर चुका है। कोसी नदी के सभी 56 बैराज को खोल दिया गया है, इसके बावजूद कोसी नदी का रौद्र रूप देखकर जल प्रलय की आशंका जताई जा रही है। नेपाल ने पिछले 24 घंटे के दौरान छह लाख क्यूसेक पानी बिहार की ओर छोड़ा है। यह पानी अब कोसी बैराज के ऊपर बने सड़क से ओवरफ्लो कर रहा है। प्रशासन ने कोसी बैराज के ऊपर सड़क पर आवाजाही बंद कर दी है। कोसी नदी में पानी के बढ़ते लेवल को देखकर कहा जा रहा है कि पिछले 50 वर्षों में ऐसा बाढ़ कोसी नदी में नहीं देखा गया है। 2008 में जब कोसी नदी में आए बाढ़ से सीमांचल क्षेत्र के बड़े हिस्से में जल प्रलय आ गया था, कोसी नदी का वर्तमान जल स्तर उससे भी काफी ज्यादा है।
यहीं स्थिति कमोबेश गंडक नदी की भी है। गंडक नदी का जलस्तर भी खतरनाक स्तर को पार कर लिया है। गंडक नदी में भी चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिससे गंडक नदी के किनारे बसे गांवों व कस्बों में भी बाढ़ आने की आशंका है। आपदा प्रबंधन विभाग ने नदी के किनारे बसे गांवों के लोगों से गांवों को खाली करने का अनाउंसमेंट कर लोगों से तत्काल सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। जल संसाधन विभाग ने सभी इंजीनियरों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं उन्हें 24×7 ड्यूटी पर तैनात कर दिया है। तटबंधों की सुरक्षा हाईअलर्ट पर है और जल संसाधन विभाग के इंजीनियर दिन-रात इसकी निगरानी कर रहे हैं।