BINOD KARN
BEGUSARAI: बरौनी रिफाइनरी के कर्मचारियों के बीच कामकाज में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में बुधवार को विश्व हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन बरौनी रिफाइनरी के ईडी सम्मेलन कक्ष में हर्षोल्लास के साथ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सत्य प्रकाश , कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख, बरौनी रिफाइनरी ने की। इस अवसर पर जी. आर. के. मूर्ति , मुख्य महाप्रबंधक (परियोजना), डॉ. प्रशांत राउत, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन), विनोद कुमार, सचिव, ऑफिसर एसोसिएसन, संजीव कुमार, अतिरिक्त महासचिव, बी.टी.एम.यू., श्रीमती मीनाक्षी ठाकुर, समन्वयक, विप्स, महाप्रबंधकगण, उप महाप्रबंधकगण, विभागाध्यक्ष, बरौनी रिफाइनरी के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
सत्य प्रकाश, कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है और इसमें मन की बात करना सबसे सरल एवं सहज है। हमारे लिए गर्व की बात है कि पूरे विश्व में आज हिन्दी सबसे ज्यादा सीखी जाने वाली भाषा है। हिन्दी देश के विकास में महती भूमिका निभा रही है । आज हिन्दी स्वतः स्फूर्त भाव से विश्व भाषा बनने की ओर अग्रसर है। हमें हिन्दी के सरल प्रयोग को बढ़ावा देना है, ताकि इसकी उपयोगिता और प्रयोग को बढ़ाया जा सके। हम सभी बरौनी रिफाइनरी के सभी साझेदारों, ग्राहकों और कर्मचारियों को ये विश्वास दिलायें कि वे अपना कामकाज निःसंकोच भाव से हिन्दी में कर सकते हैं। आइए हम सब मिलकर हिन्दी में काम करने का भरोसा पैदा करें। आज तकनीक ने हमें अवसर दिया है कि हम सभी अपने कार्यालयों में भी सुगमता के साथ हिन्दी का प्रयोग कर सकें। राजभाषा विभाग का हमेशा से इस बात पर ज़ोर रहा है कि सरल भाषा का प्रयोग किया जाए। हमें हिन्दी के प्रयोग में संकोच करने के बजाए गर्व के साथ इसके उपयोग को बढ़ाना है। हमें हिन्दी के प्रयोग में संकोच करने के बजाए स्वाभिमान के साथ इसके उपयोग को बढ़ाना है।“ हिन्दी की बढ़ती लोकप्रियता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि, “आज विश्व में हिन्दी एक प्रभावशाली भाषा है और इसे एशिया की प्रतिनिधि भाषा के रूप में देखा जाता है। अगर हमें हिन्दी को विश्व की लोकप्रिय भाषा बनानी है तो हमें इसे स्वाभिमान की भाषा के रूप में स्थापित करना होगा।“
भारत की संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को भारत की राजभाषा घोषित किया था और हम तभी से प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं । उसी तरह 10 जनवरी 1975 को दुनिया भर में हिन्दी के प्रचार-प्रसार के लिए पहला विश्व हिन्दी सम्मेलन नागपुर में आयोजित किया गया था । इसलिए इस दिन को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है । इस दिन को मनाए जाने का मकसद दुनियाभर में हिन्दी का प्रचार-प्रसार करना है । साथ ही हिन्दी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना भी इसका एक मकसद है।आज विश्व के सैंकड़ों विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाती है, और पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिन्दी बोलते हैं। राजभाषा विभाग, भारत सरकार के निर्देशानुसार हम इंडियन ऑयल में हिन्दी कार्यान्वयन पर कार्य करते आ रहे हैं । हिन्दी के प्रचार-प्रसार एवं कार्यान्वयन के लिए इंडियन ऑयल प्रतिबद्ध है, और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं । हमें कार्यालय के दैनिक कार्यों में राजभाषा हिन्दी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए ।
इस अवसर पर ‘नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति’, बरौनी की पत्रिका ‘श्रवंती’ का भी विमोचन सत्य प्रकाश, कार्यपालक निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख के कर कमलों द्वारा किया गया। विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर बी. आर. डी. ए. वी. विद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए कविता पाठ प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया । इस प्रतियोगिता में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर कर भाग लिया ।
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