सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने सीएम को लिखा पत्र, चौर व दियारा क्षेत्र में बाढ़ से निजात की रखी मांग
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सांसद प्रो. राकेश सिन्हा ने सीएम को लिखा पत्र, चौर व दियारा क्षेत्र में बाढ़ से निजात की रखी मांग

THN Network 

BINOD KARN

BEGUSARAI: भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा ने 9 जुलाई 23 को सीएम नीतीश कुमार को पत्र लिखकर जिले के दियारा व चौर में जल जमाव व बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। सीएम को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि इस विषय को उन्होंने राज्यसभा में विशेष उल्लेख के रूप में लाया था। उन्हें खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने सकारात्मक उत्तर दिया है। राज्य के अंतर्गत विषय होने के कारण केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह राज्य द्वारा मांगने पर वित्तीय और तकनीकी सहायता देने के लिए तत्पर है। उन्होंने सीएम से इस मामले में शीघ्र कदम उठाने की मांग की है। प्रो सिन्हा ने पत्र में कहा है कि बिहार दियारा – चौर के अभिशाप से ग्रस्त है। प्रत्येक वर्ष लाखों किसान–मजदूर–ग्रामीण नदी के प्रकोप के कारण असहाय हो जाते हैं। उन्हें घर बार छोड़ना पड़ता है। मवेशियों को भी विस्थापित करना उनकी बाध्यता हो जाती है। वे पिछले पांच वर्षो से लगातार दियारा – चौर का दौरा कर रहे हैं परन्तु प्रशासन का रवैया अपरिवर्तित है। भोले- भाले किसान आपदा को सहते रहते हैं। औपनिवेशिक काल से ही दियारा का सर्वे होता रहा है परन्तु कोई ठोस कदम या परिणाम सामने नहीं आया है।

उन्होंने कहा है कि यह हमारे लिए अत्यंत ही शर्म और वेदना का विषय है कि बिहार के किसान–मजदूर– ग्रामीण अत्यंत ही प्रतिकूलता में जी रहे हैं। प्रत्येक वर्ष बाढ़ नियंत्रण के नाम पर करोड़ों रुपया का चूना लगाया जाता है। पिछले वर्ष बेगूसराय के मटिहानी और साहेबपुर कमाल के विष्णुपुर, भगवानपुर दियारा आदि क्षेत्रों में कई बार गया। ठेकेदारों, राजनीतिज्ञों और नौकरशाहों की मिलीभगत से फ्लड फाइटिंग के नाम पर निर्गत करोड़ों रुपयों का न्यारा वारा होते देखा।आमलोग दबंग ठेकेदारों का विरोध करने में असहाय, असमर्थ हैं। एक स्थान (मटिहानी में) पर नदी में बालू की बोरी डालने के स्थान पर नदी के किनारे से 500-700 मीटर आगे बढ़कर लहलहाते खेतों से मिट्टी काटकर बोरी भरकर नदी में ‘बचाव’ के लिए डाला गया। परिणाम यह हुआ कि जो पानी कुछ दिन बाद आगे जाता वह रातों रात चला गया। किसान अन्याय सहते रहे।अभी भगवानपुर (साहेबपुर कमाल) में बाढ़ का प्रकोप होने लगा है। नदी का प्रवाह गाँव की ओर है। अन्य स्थानों पर भी खतरे की संभावना बनती जा रही है। जल संसाधन मंत्रालय पूरी तरह से निष्क्रिय है। क्या हम इतने असंवेदनशील हो गए हैं कि ऐसी दुखभरी घटनाओं का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। उन्होंने अनुरोध किया है कि इस विषय को उच्च प्राथमिकता देकर किसानों के अस्तित्व / अस्मिता की रक्षा की जाए।


इधर प्रो सिन्हा ने बताया कि बाढ़ के बाद बड़े भूभाग में जल जमाव की समस्या आती है। जिसके वजह से किसान फसल नहीं उगा पाते हैं। ऐसे क्षेत्र से जल निकासी की व्यवस्था कर दी जाती है तो फसल उगाने से किसानों को तो लाभ होगा ही राज्य व देश के लिए विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगर इस मामले में रुचि लेती है तो वे केंद्र सरकार से हरसंभव सहयोग दिलाने का प्रयास करेंगे।



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