दूरबीन विधि से Chest Surgery कर डॉ. धीरज शांडिल्य ने बनाया रिकॉर्ड
Ad Place!

दूरबीन विधि से Chest Surgery कर डॉ. धीरज शांडिल्य ने बनाया रिकॉर्ड


THN Network

ऐलेक्सिया हास्पीटल के निदेशक हार्ट सर्जन डॉ. धीरज शांडिल्य की ख्याति पहुंच रही दूर तक

BINOD KARN 

BEGUSARAI : ऐलेक्सिया हास्पीटल के निदेशक हार्ट सर्जन डॉ. धीरज शांडिल्य जटिल आपरेशन करने के मामले में रिकॉर्ड बनाने में लगे हैं। उनके द्वारा बेगूसराय में दूरबीन विधि से छाती का आपरेशन किया जाना चर्चा का विषय बना हुआ है। बीते दिनों ऐलेक्सिया अस्पताल में डॉ. धीरज शांडिल्य ने दूरबीन विधि से एक मरीज के छाती की सर्जरी कर उसकी जान बचाई। बेगूसराय में इस तरह का आपरेशन पहली बार संभव हो पाया है। इसी वजह से इसकी चर्चा खूब हो रही है और उनकी ख्याति दूर तक पहुंचने लगी है।
बताते चलें कि जिले के डुमरिया निवासी 19 वर्षीय मिथिलेश कुमार पिता कामदेव महतो बहुत पहले से टीबी रोग से ग्रसित थे, जिसकी वजह से एक साल पहले उसे दिल्ली में छाती की सर्जरी करानी पड़ी थी। शनिवार की शाम अचानक उनकी छाती से बहुत ज्यादा रक्त निकलने लगा। गंभीर हालत में एकबार फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए तत्काल आपरेशन की सलाह दी। डॉ. धीरज ने बताया कि दिल्ली जैसे महानगरों में यह सर्जरी काफी खर्चीली होती है। मरीज तथा उनके परिजनों को परेशानी अलग से होती है। लेकिन मिथिलेश के छाती की दूरबीन विधि से सर्जरी महज चंद हजार में ही हो गई। बता दें कि इन विषयों के डॉ. धीरज एकमात्र सर्जरी विशेषज्ञ हैं।
इस विधि से सफलता पूर्वक आपरेशन करने को बेगूसराय के लिए बड़ी उपलब्धि बताते हुए आईएमए द्वारा डॉ धीरज को सम्मानित किया गया। 


ऐलेक्सिया हास्पीटल में समय देने लगे डॉ. धीरज शांडिल्य

उल्लेखनीय है कि डेढ़ दशक पूर्व जब डॉ. धीरज शांडिल्य ने बेगूसराय में ऐलेक्सिया हास्पीटल खोला था तब गोली लगे वैसे दर्जनों घायलों को उन्होंने जान बचाई थी जिन्हें यहां के चिकित्सक ने नो-चान्स कह कर पटना रेफर किया था। निर्धन व असहाय मरीजों की पहली पसंद उन दिनों ऐलेक्सिया थी। हास्पीटल का रौनक तब देखने वाली थी। लेकिन बाद में जब वे हार्ट सर्जरी की पढ़ाई करने कोलकाता चले गए तो ऐलेक्सिया हास्पीटल पर इसका सीधा असर दिखाई दिखा। पढ़ाई पूरी कर लौटे तो ऐलेक्सिया हास्पीटल में उन्होंने हार्ट सर्जरी कर रिकॉर्ड बनाया। एक बार फिर डॉ. धीरज शांडिल्य बेगूसराय के ऐलेक्सिया हास्पीटल में समय देने लगे हैं। जैसे-जैसे लोगों तक इसकी जानकारी पहुंच रही हैं वैसे-वैसे मरीजों की संख्या भी ऐलेक्सिया में बढ़ती जा रही है।

Post a Comment

Previous Post Next Post
Your Advertisement can come here!