पंजाब व हरियाणा की तरह दुग्ध उत्पादन करना है तो जागरूक होना जरूरी: MLC सर्वेश कुमार
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पंजाब व हरियाणा की तरह दुग्ध उत्पादन करना है तो जागरूक होना जरूरी: MLC सर्वेश कुमार




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रमजानपुर गंगा डेयरी के प्रांगण में पशु जागृति अभियान सह जागरुकता सेमिनार का आयोजन

पशु बांझपन की समस्या, कारण व निवारण पर पशु वैज्ञानिकों ने विस्तार से डाला प्रकाश

BINOD KARN

BEGUSARAI: सदर प्रखंड के रमजानपुर गंगा डेयरी प्रांगण में पशु जागृति अभियान सह जागरुकता सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन दरभंगा स्नातक क्षेत्र से MLC सर्वेश कुमार, जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र खोदावंदपुर, बेगूसराय के वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. राम पाल, जिला पशु शल्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार कुमुद ने किया। कार्यक्रम का आयोजन बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना व्दारा किया गया। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. पंकज कुमार ने किया। कार्यक्रम में लगभग 200 किसानों ने भाग लिया। सेमिनार में किसानों ने पशुओं के बीमारियों से संबंधित प्रश्न पूछे और वैज्ञानिक ने जवाब देते हुए उन्हें जानकारियां दी। इस मौके पर जरूरतमंद किसानों को उनके पशुओं के लिए दवाएं भी दी गई।

उद्घाटन भाषण करते हुए MLC सर्वेश कुमार ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में बेगूसराय जिला राज्य में नंबर वन है लेकिन पंजाब व हरियाणा से तुलना करें तो उत्पादन बहुत कम है। उन्होंने कहा कि यहां के किसान पंजाब व हरियाणा की तरह दुग्ध उत्पादक चाहते हैं तो उन्हें जागरूक होना होगा। उन्होंने कहा कि सेमिनार में वैज्ञानिकों व्दारा दी जाने वाली सुझावों को अमल में लाएं, तभी यह सेमिनार सफल होगा।

डॉ. पंकज कुमार ने बताया कि पशुओं में बांझपन के कारण समस्त बिहार के पशुपालकों को भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है। केंद्र व राज्य सरकार इस समस्या को दूर करने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में यह आयोजन किया गया है। जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. शत्रुघ्न प्रसाद सिंह व पशु शल्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार कुमुद ने कहा कि पशुओं में बांझपन का मुख्य कारण जानकारी का अभाव व प्रशिक्षण की कमी है। कुपोषण व बीमारी से बांझपन की समस्या आती है।

गर्भ विज्ञान के वरीय वैज्ञानिक डॉ. सुमित सिंथल व डॉ. सरोज कुमार रजक ने बांझपन के कारण व निवारण पर विस्तार से प्रकाश डाला। इसके अलावा उन्होंने पशुपालकों से सेक्स सोर्टेड सिमन (sex sorted semen) का ही प्रयोग करने को कहा। उन्होंने कहा कि सेक्स सोर्टेड सिमन के प्रयोग से बाझी ही पैदा होगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक तीन महीने में कृमि नाशक दवा का प्रयोग करने और पशु आहार में 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर देने से बांझपन की समस्या से काफी हद तक समाधान पा सकते हैं। प्रश्नोत्तरी सत्र में दर्जनों किसानों ने सवाल पूछे। मौके पर 50 से अधिक पशुओं का इलाज कर नि: शुल्क दवाएं दी गई।

कार्यक्रम में बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के डॉ रमेश तिवारी और विभिन्न प्रखंडों के पशुपालन पदाधिकारी मौजूद थे।


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