अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 में संशोधन को ले MLC सर्वेश कुमार ने लिखा CM को पत्र ADHYAPAK NIYUKTI
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अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 में संशोधन को ले MLC सर्वेश कुमार ने लिखा CM को पत्र ADHYAPAK NIYUKTI

THN Network 



शिक्षक नियुक्ति नियमावली में संशोधन को लेकर जारी तीसरे चरण का आंदोलन 12वें दिन समाप्त 

BINOD KARN

BEGUSARAI: अध्यापक नियुक्ति नियमावली 2023 में संशोधन की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर जारी शिक्षकों का धरना 12 दिनों बाद स्कूलों में गर्मी छुट्टी को लेकर समाप्त कर दिया गया। गर्मी छुट्टी के बाद शिक्षक विधानसभा का घेराव करेंगे।

इस बीच क्षेत्रीय सांसद, विधायक, विधान पार्षदों का घेराव कर उन्हें स्मार पत्र दिया जाएगा। धरना के अंतिम दिन माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि चौथे चरण के आंदोलन की शुरुआत 10 जून को चंपारण के भइतहरवा से जनजागरण अभियान की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने चिलचिलाती धूप के बीच तीसरे चरण के आंदोलन धरना को सफल बनाने के लिए शिक्षकों की एकजुटता को प्रणाम किया। इससे पहले राज्यसभा सांसद प्रो राकेश कुमार सिन्हा ने भी 2 जून को धरना स्थल पर पहुंच कर शिक्षकों के मांगों का समर्थन किया था।

CM को लिखे पत्र में MLC सर्वेश कुमार ने  उठाया यह मुद्दा

शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2023 में संशोधन किए जाने की आवश्यकता निम्न कारणों से है। (1) प्रभावी सेवा नियमावली के लिए अधिक उपयुक्त है कि पूर्व से नियोजित शिक्षकों के लिए अलग से परीक्षा हो क्योंकि ऐसे शिक्षक लंबी अवधि से सेवा में कार्यरत हैं। विभिन्न सेवाओं के सेवा शर्तों में पूर्व से कार्यरत लोगों के लिए अलग से परीक्षा की व्यवस्था होती है, इसी अनुरूप पूर्व से कार्यरत शिक्षकों के लिए अलग से परीक्षा की व्यवस्था होनी चाहिए।

2) नए नियुक्त होने वाले शिक्षकों के लिए अलग परीक्षा हो क्योंकि ये फ्रेशर होते हैं, ये सभी विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते रहते हैं और ये प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु अधिक तैयार होते हैं।

3) पुराने और नए शिक्षकों की एक साथ परीक्षा लेना तर्कसंगत नहीं है, किसी भी सर्विस में ऐसा नहीं होता है। एक समूह में अनुभव अधिक होता है एवं एक समूह में प्रतियोगिताओं की तैयारी अधिक होती है, दोनों अलग-अलग समूह हैं और उन्हें एक साथ तुलना नहीं की जा सकती है। दोनों समूहों की अपनी अलग - अलग विशेषता होती है।

4) अभी जो नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं सभी शिक्षक बीपीएससी की परीक्षा में बैठना चाहेंगे, सभी तैयारी हेतु लगेंगे और विद्यालयों से छुट्टी लेना चाहेंगे फलस्वरूप पूरा स्कूल सिस्टम और शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी। जो पास करेंगे वो खुश बाकी के शिक्षक उपेक्षित महसूस करेंगे।

5) राज्य सरकार ने नियमावली के तहत नए होने वाले शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने का निर्णय लिया है। नियोजित शिक्षकों की बहु-प्रतिक्षित मांग है। विगत में भी ऐसा हुआ है, भूतलक्षित प्रभाव से इन नियमों को कार्यरत शिक्षकों पर लागू नहीं किया जा सकता है।

6) शिक्षकों के हित में, गुणवत्ता के हित में, समाज के हित में यथोचित है कि सभी शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा प्रदान किया जाए।

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