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BINOD KARN
BEGUSARAI : संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से सुरभि रूरल एंड वेलफेयर सोसाइटी की नवीनतम नाट्य प्रस्तुति दिलदार एक्सप्रेस का सफलता पूर्वक मंचन बेगूसराय के दिनकर भवन में मंगलवार की शाम किया गया। महान आँचलिक कथाकार फणीश्वरनाथ रेणु की रचना "ना जाने केहू भेष में" पर आधारित इस नाटक का नाट्य रूपांतरण आशिक हुसैन ने किया है। परिकल्पना और निर्देशन राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से पास आउट होने वाले बेगूसराय के पहले रंगकर्मी हरीश हरिऔध ने किया। दो कवियों की एक साथ रेलयात्रा पर आधारित इस कहानी के माध्यम से निर्देशक ने यह दिखाने का प्रयास किया है कि एक रचनाकार जो लगातार साहित्य सृजन में रत है और जिसकी ना जाने कितनी रचनाएं कवि और साहित्यकारों के साथ- साथ आमजन भी जानते सुनते और गाते हैं, पर दुर्भाग्य से उस रचनाकार को साक्षात न तो कोई जानता है और ना ही पहचानता है।
ये साहित्य और सृजनकर्ता दोनों के लिए बहुत ही दुखद है। नाटक का कथ्य और उसके चुटीले संवाद जैसे हम यात्रा पर है, प्रधानमंत्री विदेश में है, इसीलिए तो देश ठीक- ठाक चल रहा है। साहित्य को झुका हुआ नहीं देख सकता। साहित्य को गिड़गिड़ाता नहीं देख सकता। साहित्य को रोता नहीं देख सकता। साहित्य को भूखा नहीं देख सकता। साहित्य को जमीन से जुड़ा रहने दीजिए अनायास ही दर्शकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं और बरबस उन्हें तालियां बजाने को मजबूर कर देते हैं। प्रसिद्ध कवि निर्झर की भूमिका में अंकित राज, ट्रेन यात्री आसिफ की भूमिका में दीपक कुमार सिंह, आरआर सिंह और लोफर की भूमिका में रूपेश कुमार, दूसरे लोफर की भूमिका में पंकज कुमार साहनी, बंगाली विश्वजीत के किरदार में दीपक कुमार, बंगालन पत्नी की भूमिका में पूजा कुमारी, बेटी मुनमुन की भूमिका में पूनम कुमारी, स्टैंजर महाकवि भैरो सिंह भौरा की भूमिका में हरीश हरिऔध, साउथ इंडियन नटराजन की भूमिका में मनीष राज, फोटोग्राफर सुरेंद्र की भूमिका में शशि कुमार, नेत्रहीन गायक की भूमिका में गणेश गौरव और सहयोगी की भूमिका में लालबाबू कुमार और संदीप सिन्हा, चायवाले की भूमिका अशोक ठाकुर ने अपने अपने दमदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रकाश मनोज कुमार और अजय भारती तथा म्यूजिक चंदन कुमार सोनू ने किया। मंच संचालन एवं सेट डिजाइन दीपक कुमार, मंच निर्माण रमन चंद्र वर्मा और अंकित राज तथा प्रचार प्रसार दिलीप कुमार ने किया।
प्रस्तुति के पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा, सदर प्रखंड विकास पदाधिकारी सुदामा प्रसाद सिंह, समाजसेवी रजनीकांत पाठक, पूर्व विधान पार्षद भूमिपाल राय, आर्यभट्ट प्रो. अशोक कुमार सिंह अमर, समाजसेवी विश्वरंजन कुमार सिंह उर्फ राजू भैया, भारद्वाज गुरुकुल के शिव प्रकाश भारद्वाज, अभिषेक कुमार, समाजसेवी दिलीप सिन्हा, वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल पतंग और शिक्षाविद कल्याण कुमार ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। संस्था की ओर से अतिथियों को अंग वस्त्र प्रतीक चिन्ह और पुष्पगुच्छ से सम्मानित किया गया। मंचस्थ अतिथियों ने आयोजन के लिए सुरभि परिवार को अपनी शुभकामनाएं दी और नए कलाकारों को अवसर देने के लिए उसकी सराहना की। 45 दिनों की कार्यशाला और नाट्य प्रस्तुति सहित पूरे आयोजन का सफलता पूर्वक संयोजन अजय कुमार भारती ने किया। कार्यशाला प्रभारी के रूप में इम्तियाजूल हक डब्लू और आयोजन को सफल बनाने में समाजसेवी प्रकाश सिन्हा ने भरपूर सहयोग किया। कुल मिलाकर काफी दिनों के बाद उपस्थित रंग दर्शकों को एक बेहतरीन हास्य व्यंग से भरपूर नाट्य प्रस्तुति को देखने का अवसर मिला। कलाकारों ने दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ने में कामयाबी हासिल की। सभी कलाकारों ने अपने 'रोल' को जीवंत बनाए रखा।