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BINOD KARN
BEGUSARAI: उप विकास आयुक्त (डीडीसी) सुशांत कुमार ने सरकार के शिक्षा विभाग से प्राप्त निर्देश के अनुसार जिला स्तर पर चिन्हित 0-18 आयु वर्ग के दिव्यांग बच्चों की दिव्यांगता की जांच सह-मूल्यांकन, दिव्यांगता प्रमाणीकरण एवं विभिन्न विभागों द्वारा प्रदत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने, समेकित कार्य-योजना के बेहतर क्रियान्वयन को लेकर सोमवार को बैठक की।
जिसमें उपस्थित सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO), सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (MOIC), सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (CDPO) सहित सभी संबंधित जिलास्तरीय पदाधिकारियों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। बैठक में सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. गोपाल मिश्रा, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (सर्व शिक्षा अभियान ) मो. जमाल मुस्तफा, एडीएसएस सह डीपीआरओ भुवन कुमार, सहायक निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण (एडीडीई) सुश्री नेहा कुमारी, जिला समावेशी शिक्षा समन्वयकः मो. मुस्ताक अहमद एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी मौजूद थे।
बैठक में उप विकास आयुक्त श्री कुमार ने विगत वर्ष शिक्षा विभाग, बेगूसराय द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में चिन्हित 0-18 आयुवर्ग के 8,680 दिव्यांग बच्चों का अविलंब प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ करने का निर्देश दिया ताकि सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से दिव्यांगजनों के हितार्थ संचालित योजनाओं के तहत लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को प्रखंड स्तरीय दिव्यांगता प्रमाणीकरण/ यूडीआईडी निर्माण हेतु विशेष शिविर आयोजन की तिथि निर्धारण करने, विभागीय निर्देशानुसार मेडिकल टीम गठित करने तथा विशेष शिविर आयोजन के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया। उन्होंने जिला सांख्यिकी कार्यालय प्रतिनिधि को विशेष शिविर के दौरान ही दिव्यांग बच्चों के आधार निर्माण हेतु आवश्यक तैयारी करने का भी निर्देश दिया। इससे पूर्व उन्होंने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों से प्रखंड दिव्यांगता पंजी की अद्यतन स्थिति के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा संबंधित दिव्यांग बच्चों के प्रमाणीकरण के संबंध में अपने स्तर से सभी आवश्यक तैयारी करने के साथ-साथ संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भी दिव्यांगता पंजी की एक प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इसके साथ-साथ विशेष शिविर में सर्वेक्षित दिव्यांग बच्चों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु गुरु-गोष्ठी का आयोजन कर इस संबंध में संबंधित प्रधानाध्यापक को संबंधित दिव्यांग बच्च तक प्रमाणीकरण हेतु प्रस्तावित शिविर के संबंध में जानकारी देने का भी निर्देश दिया। उन्होंने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को सर्वेक्षण में छूटे हुए परंतु कालांतर में चिन्हित दिव्यांग बच्चों की विवरणी भी प्रखंड दिव्यांगता पंजी में दर्ज कराने का निर्देश दिया।
इससे पूर्व जिला समावेशी शिक्षा समन्वयक ने बताया कि वर्ष 2022 में शिक्षा विभाग, बेगूसराय द्वारा आंगनबाड़ी सेविका/ टोला सेवक एवं तालीमी मरकज के द्वारा 0-18 आयुवर्ग के दिव्यांग बच्चों का सर्वेक्षण किया गया था जिसमें कुल 8,680 दिव्यांग बच्चे चिन्हित किए गए थे, जिसमें से अब तक कुल 2,660 बच्चों का प्रमाणीकरण / यूडीआईडी कार्ड निर्माण हो गया है जबकि शेष 6,020 सर्वेक्षित दिव्यांग बच्चों का प्रमाणीकरण वर्तमान में शेष है।
गौरतलब हो कि शिक्षा विभाग, बिहार सरकार से प्राप्त निर्देश के आलोक में 0-18 आयु वर्ग के दिव्यांग बच्चों की दिव्यांगता की जांच सह-मुल्यांकन, दिव्यांगता प्रमाणीकरण एवं विभिन्न विभागों के द्वारा प्रदत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु समेकित कार्य योजना तैयार की गई है, जिसे निर्धारित समय-सीमा के अनुरूप हासिल किया जाना है। शिक्षा विभाग द्वारा वर्तमान कैलेंडर वर्ष 2023 के लिए निर्धारित कार्ययोजना के अनुसार, समेकित कार्य योजना अंतर्गत विभिन्न घटकों यथा दिव्यांगता प्रमाणीकरण हेतु दिव्यांगता सह-मूल्यांकन शिविर का आयोजन, प्रखंड दिव्यांगता पंजी का अपडेशन तथा स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग के द्वारा सर्वेक्षित 0- 18 आयुवर्ग के बच्चों का प्रखंड पंजी से मिलान करते हुए छूटे हुए नाम पंजी में दर्ज कराना, होगा सभी दिव्यांग बच्चों को यूडीआईडी (UDID) कार्ड उपलब्ध कराना, पात्र लाभुकों को दिव्यांगता पेंशन तथा सरकार द्वारा प्रदत सुविधाओं से जोड़ने हेतु विशेष अभियान चलाना, 0-18 वर्ष आयु वर्ग के चिन्हित दिव्यांग बच्चों की सहाय्य उपकरण / शैक्षणिक उपकरण / शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने हेतु दिव्यांगता क्षेत्र के विशेषज्ञ टीम के माध्यम से जांच सह-मूल्यांकन शिविर का आयोजन करने, वर्तमान दिव्यांगता पंजी में दर्ज 03-06 से कम आयुवर्ग के दिव्यांग बच्चों का निकटवर्ती आंगनबाड़ी केंद्र में तथा 06 वर्ष से ऊपर के दिव्यांग बच्चों का निकटवर्ती विद्यालय में नामांकन अभियान एवं प्रखंड दिव्यांगता पंजी एवं दृष्टिबाधित दिव्यांग बालिकाओं का कस्तुरबा गांधी विद्यालय में नामांकन कराना तथा चिन्हित दिव्यांग बच्चों को जरूरत के अनुरूप सुधारात्मक शल्य चिकित्सा की व्यवस्था करना आदि शामिल किया गया है।