जीजीआईटी के 10 वर्ष पूरे होने पर समारोह, कई प्रतियोगी सम्मानित, मिल चुका है 3 गोल्ड मेडल का खिताब
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जीजीआईटी के 10 वर्ष पूरे होने पर समारोह, कई प्रतियोगी सम्मानित, मिल चुका है 3 गोल्ड मेडल का खिताब

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जीजीआईटी से पास 90 प्रतिशत बच्चे पा चुके हैं जाब: सर्वेश कुमार 

BINOD KARN

BEGUSARAI: गंगा ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टीचर एजूकेशन (जीजीआईटी) के 10वीं वर्षगांठ पर 19 सितंबर को बीएड काॅलेज परिसर में समारोह आयोजित की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।
 समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि सह गंगा ग्लोबल ब्रजेश फाउंडेशन के ट्रस्टी कर्नल बजरंग बिहारी सिंह ने कहा कि आज मेरे लिए प्रसन्नता का दिन है क्योंकि जिस जीजीआईटी की बुनियाद उन्होंने 10 वर्ष पहले रखी थी वह आज आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी में अपना अलग स्थान बना लिया है। यहां के बच्चे न सिर्फ अच्छे रिजल्ट ला रहे हैं बल्कि उन्हें जाब भी मिल रहा है।
बताते चलें कि कर्नल श्री सिंह ने बांग्लादेश युद्ध में भाग लिया था। सेना से 94 में सेवानिवृत्त हुए थे। सेना से सेवानिवृत्त के बाद सिमरतुल्ला जैसे बिहार के प्रतिष्ठित विद्यालयों की स्थापना के अलावा कई शिक्षण संस्थानों को स्थापित करने में उनकी भूमिका रही है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से संवाद स्थापित करते हुए जीवन को सृजनशील बनाए रखने की सीख दी।
इस मौके पर संस्थान के संस्थापक सदस्यों में से एक व एमएलसी सर्वेश कुमार ने कहा कि बीएड काॅलेज को प्रतिष्ठित करने में कर्नल साहब के मार्गदर्शन का बड़ा योगदान रहा है। गंगा ग्लोबल के बच्चों ने स्थापना के 10 वर्षों के अंदर ही कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता कैसे बने इस पर शिक्षकों को चिंतन करना चाहिए। शिक्षण संस्थानों को कमर्शियल नहीं होना चाहिए। कमर्शियल मतलब किताब, कांपी, ड्रेस बेचने में नहीं लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी के पीछे भागने की प्रवृत्ति को त्यागना होगा। हाल ही में रिजर्व बैंक के एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी बैंक व प्राइवेट बैंक में इम्प्लाइज की संख्या लगभग बराबर है। उन्होंने कहा कि रोजगार पाने के लिए बहुत अवसर है। सिर्फ सरकारी नौकरी पाने तक अपने को सीमित नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गंगा ग्लोबल बीएड काॅलेज से पढ़कर निकलने वाले 80-90 प्रतिशत बच्चे कहीं न कहीं नियोजित हैं, जो संस्थान के लिए बड़ी बात है।

10 वर्षों में यूनिवर्सिटी से मिला 3 गोल्ड मेडल

इससे पूर्व बीएड काॅलेज के प्राचार्य डॉ. नीरज कुमार ने आगत अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि स्थापना के 10 वर्ष के कार्यकाल में 3 गोल्ड मेडल आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी से मिला है। प्रत्येक वर्ष यहां के 2-3 बच्चे टाप टेन में शामिल रहते हैं। आने वाले दिनों में हम इससे और बेहतर करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय आज जहां पहुंचा है उसमें पूर्व के प्राचार्य व शिक्षकों का भी योगदान है। इस क्रम में उन्होंने दिवंगत शिक्षक जेएन यादव के योगदान को याद करते हुए श्रध्दांजलि अर्पित की।
वहीं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक संत कुमार सहनी ने कहा कि प्रसन्नता की बात है कि यहां स्तरीय शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से अगर गुणवत्ता को अलग कर दिया जाय तो कुछ बचेगा ही नहीं। इस कारण शिक्षकों पर बड़ा दायित्व है।
पूर्व मेयर संजय कुमार ने कहा कि सर्वेश कुमार ने यहां बीएड काॅलेज की स्थापना कर बेगूसराय को एक नई पहचान दी। उन्होंने कहा सबसे बड़ी बात यह है कि यहां शिक्षा के साथ संस्कार भी दिया जाता है।

समारोह को संबोधित करते हुए मेयर पिंकी देवी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र पूंजी का निवेश करने से समाज का भला होता है। गंगा ग्लोबल ज्ञान परिसर बेगूसराय ही नहीं बिहार का गौरव है।

संबोधित करने वालों में  उपमेयर अनिता देवी राय, पूर्व मेयर संजय कुमार, वार्ड पार्षद शगुफ्ता ताजवर, सांस्कृतिक कर्मी अनिल पतंग, शिक्षक रंजन कुमार झा, मेघराज बीएड काॅलेज के प्राचार्य अनंत कुमार, मैनेजमेंट काॅलेज की प्राचार्य डाॅ0 सुधा झा, शिक्षक उमेश मिश्रा आदि शामिल हैं।
मौके पर सहायक प्राध्यापक सुधाकर पांडेय व परवेज़ यूसुफ के अलावा कालेजकर्मी मीना देवी व फूलो देवी को लगातार 10 वर्षों तक सेवा देने के लिए सम्मानित किया गया। 
उक्त अवसर पर मेधा उत्सव प्रतियोगिता में सफल सभी प्रतिभागियों को आगत अतिथियों के द्वारा प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संयोजन व संचालन प्रो. परवेज़ यूसुफ़ ने किया। मौके पर महाविद्यालय के सभी सहायक प्राध्यापक, कार्यालयकर्मी तथा प्रशिक्षुगण उपस्थित थे।



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