राज्य में सत्ता के लिए दोस्त की अदला-बदली क्या हुई, इतिहास के पन्ने धड़ाधड़ पलटे जा रहे हैं। आर्काइव से वीडियो निकाले जा रहे हैं। इन्हें पढ़ने और देखने वाले यही निष्कर्ष निकाल रहे हैं कि राजनीति में बयान और प्रतिज्ञा का कोई कोई भाव स्थाई नहीं होता है। जब जैसा, तब तैसा का सिद्धांत ही स्थाई है। सबसे दिलचस्प युद्ध भाजपा के राज्यसभा सदस्य और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और जदयू के नेताओं के बीच है। जदयू की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह रोज मोदी को कुछ (पद) मिल जाने की प्रार्थना कर रहे हैं। दूसरी तरफ मोदी रोज बता रहे हैं कि क्यों नीतीश कुमार कभी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते हैं। यूं तो भाजपा कई नेता नीतीश पर हमला कर अपना स्कोर बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, मोदी उन सब पर भारी हैं।ललन सिंह ने गुरुवार को अखबार की एक पुरानी कतरन के साथ ट्वीट किया। मोदी ने 2020 में डिप्टी सीएम नहीं बनाने पर कहा था-कोई कार्यकर्ता का पद हमसे नहीं छीन सकता है। मोदी को पद न देने का कारण यह बताया गया कि वे नीतीश के करीबी हैं। यह सिलसिला 2012 से चल रहा है, जब सुशील मोदी ने नीतीश कुमार में पीएम मैटेरियल की खोज की थी। बुधवार को मोदी ने उन नेताओं के नाम गिनाए, जिन्हें नीतीश कुमार ने कथित तौर पर अपमानित किया है। ललन सिंह ने मोदी को संबोधित ट्वीट में लिखा-आपसे ज्यादा अपमानित कौन हुआ? आपने अपमान का घूंट पिया। खैर, हम लोगों की सहानुभूति आपके साथ है। अगर आपको कुछ मिल जाता है तो मेरी शुभकामनाएं। मोदी राजनीतिक इतिहास के उस अध्याय को अधिक प्रचारित कर रहे हैं, जिसमें नीतीश कुमार ने 2013 में लिखा था-मिट्टी में मिल जाऊंगा, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाऊंगा। 2017 में वे भाजपा के साथ आ गए। वे तेजस्वी यादव के उस बयान का उल्लेख करना नहीं भूलते, जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार को पलटू चाचा कहा था।पलटू पर पलटवार
राजद ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल को पलटू कहा है। क्योंकि डा. जायसवाल पहले राजद में थे। भाजपा में गए। दुनिया से विदा हो चुके लोगों को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। राजद ने डा. जायसवाल के दिवंगत पिता डा. मदन जायसवाल के बारे में लिखा कि वह भी भाजपा से राजद में आए, फिर भाजपा में चले गए। राजद ने 2005 के विधानसभा चुनाव का वह पोस्टर भी पोस्ट किया है, जिसमें डा. जायसवाल राजद उम्मीदवार की हैसियत से अपने लिए वोट मांग रहे थे। सत्ता में आने के साथ ही इंटरनेट मीडिया पर राजद की सक्रियता बढ़ी है। वह भाजपा नेताओं के ऐसे वीडियो को खूब शेयर कर रहा है, जिसमें जुबान फिसलने के कारण इन नेताओं का खूब मजाक बना था। ऐसा ही एक वीडियो केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का भी जारी किया गया है। इसमें वे भाजपा के एक बड़े नेता को आतंकियों का संरक्षक बता रहे हैं।