17 साल के नीतीश के शासनकाल में शायद पहली बार हुआ कि कोई मंत्री उनको आंख दिखा रहा हो। नीतीश कुमार के बुलाने पर ऐंठ कर उनके सामने से चला गया। नाम है सुधाकर सिंह। बिहार के कृषि विभाग के मंत्री हैं। उन्होंने कैमूर के सभा में कहा कि उनके विभाग में कई चोर बैठे पड़े हैं और वो चोरों के सरदार हैं। सुधाकर सिंह का कहने का मतलब ये निकाला गया कि उनके डिपार्टमेंट में करप्शन ही करप्शन है। उसे रोकने के लिए वो कुछ नहीं कर पा रहे हैं। बाद में उनके बयान पर जितनी बार पूछा गया, उतनी बार उन्होंने कहा कि वो अपने बयान पर कायम हैं। ये सीधे-सीधे नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल हैं। जिसे नीतीश कुमार हर मौके पर पॉलिस करते रहते हैं।
नीतीश और सुधाकर में तनातनी
नीतीश कुमार और सुधाकर सिंह के बीच चल रही तनातनी पर पूछा गया तो कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी कथित अवज्ञा के लिए उन्हें बर्खास्त कर सकते हैं, लेकिन वो तब तक पद नहीं छोड़ेंगे, जब तक कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का शीर्ष नेतृत्व ऐसा करने के लिए नहीं कहता। वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कृषि विभाग के सामने आने वाली समस्याओं को समझाने के लिए तैयार हैं। अगर मुख्यमंत्री कैबिनेट प्रमुख होने के नाते उनसे मिलना चाहते हैं और उनके उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, तो वो निश्चित रूप से उनसे मिलेंगे।
अब मामले को तेजस्वी यादव देखेंगे
मंगलवार को कैबिनेट बैठक के दौरान कृषि मंत्री के अपनाए गए रुख के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा था, ‘मैंने उनसे (सुधाकर सिंह) उनकी शिकायतों के बारे में जानने की कोशिश की थी। जवाब देने के बजाय वो बाहर निकल गए। अब उपमुख्यमंत्री जी (तेजस्वी यादव) मामले को देखेंगे।’
सीएम सुलझा सकते हैं विवाद- सुधाकर
वहीं, सुधाकर सिंह ने कहा कि कैबिनेट बैठक के बाद भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। उन्होंने कहा कि वास्तव में उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं, वे अकेले उनके विभाग से संबंधित नहीं हैं और इसे केवल मुख्यमंत्री ही सुलझा सकते हैं, क्योंकि वो बिहार विकास मिशन के अध्यक्ष हैं। विकसित बिहार के लिए ‘बिहार विकास मिशन’ का गठन राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को मिशन मोड में लागू करने के लिया गया था। बिहार विकास मिशन को प्राथमिकताओं का निर्धारण करने, कार्यक्रमों के लक्ष्य के अनुसार उपलब्धियों की निगरानी, कृषि विकास का खाका, मिशन मानव विकास, बुनियादी ढांचा विकास और औद्योगिक प्रोत्साहन सहित अन्य कार्यक्रमों के क्रिर्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था।
'चोरों के सरदार' वाले बयान पर बवाल
सुधाकर सिंह के पिता जगदानंद सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं। सुधाकर ने अपने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा था, ‘हमें नहीं लगता कि बिहार राज्य बीज निगम के बीज को किसान अपने खेतों में लगाता है। डेढ़-दो सौ करोड़ रुपये इधर ही खा जाता है बीज निगम वाला। हमारे विभाग में कोई ऐसा अंग नहीं है जो चोरी नहीं करता है। इस तरह हम चोरों के सरदार हुए। हम सरदार ही कहलाएंगे न। जब चोरी हो रही है तो हम उसके सरदार हुए।’ सुधाकर की टिप्पणी के मीडिया में आ जाने के कारण बिहार की नवगठित महागठबंधन सरकार की काफी फजीहत हुई है।