जाति आधारित राजनीति ने कायस्थों को किया सत्ता से दूर, एकजुटता से पा सकते हैं मुकाम : सुबोधकांत सहाय
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जाति आधारित राजनीति ने कायस्थों को किया सत्ता से दूर, एकजुटता से पा सकते हैं मुकाम : सुबोधकांत सहाय

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POONAM LAL

SAMSTIPUR : पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री व अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि देश में मुद्दे की राजनीति जबतक होती थी तबतक सत्ता में कायस्थों की पूछ थी। जाति आधारित राजनीति शुरू होने के बाद कायस्थ देशस्तर पर सत्ता से दूर होते गए। जबकि स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर देश के नवनिर्माण में कायस्थों की बड़ी भूमिका रही है।
आलम यह है कि आज केंद्र सरकार में आपकी हिस्सेदारी नहीं। वे रविवार को टेक्नोमिशन स्कूल, समस्तीपुर के प्रांगण में आयोजित अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के प्रमंडलीय कायस्थ सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य "कायस्थ समाज की दिशा एवं दशा पर परिचर्चा" का था। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कायस्थ महासभा का इतिहास गौरवशाली रहा है। एकजुटता के बल पर हम अपनी पुरानी गरिमा को फिर से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के कई ऐसे राज्य हैं जहां कायस्थ राजनीतिक सत्ता के केंद्र में रहे हैं। लेकिन जातीय राजनीति की शुरुआत व कायस्थों में एकजुटता के कारण कारण हम पीछे चले गए।
 श्री सहाय ने कहा कि कायस्थ जब राजनीतिक सत्ता से दूर हुआ तो समाज में टकराव शुरू हो गया। समाज टकराव से देश कमजोर होता जा रहा है। कायस्थ सामाजिक समरसता के पूजारी रहे हैं और आगे भी रहेंगे। कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता श्री  सहाय ने कायस्थ समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने अपने समाज के उत्थान के लिए हर सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।

प्रदेश अध्यक्ष विनोद श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कायस्थों के इतिहास पर प्रकाश डाला एवं कायस्थों को घर से बाहर निकल कर राजनीतिक क्षेत्र में भी काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संगठन की मजबूती के लिए प्रमंडल व जिला स्तर पर जहां कहीं भी उनकी जरूरत होगी वे समय देने को तैयार हैं।

कार्यक्रम की शुरुआत एकता वर्मा एवं  अंकित वर्मा के गणेश वंदना से हुई। कार्यकारी जिलाध्यक्ष सह टेक्नोमिशन स्कूल समस्तीपुर के निदेशक के ए. के. लाल ने आगत अतिथियों का स्वागत पाग एवं चादर देकर किया। जिला महासचिव अशोक वर्मा ने कायस्थ की उत्पति पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस मौके पर मिथिला पेंटिंग के कलाकार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित विभा देवी को सम्मानित किया गया।
बेगूसराय से आए वरिष्ठ पत्रकार विनोद कर्ण ने कहा कि कायस्थ समाज को अपनी राजनीतिक चुप्पी तोड़नी चाहिए। महासभा किसी राजनीतिक दल का नहीं है लेकिन कायस्थ समाज से आने वाले नेता को किसी राजनीतिक दल व्दारा हासिए पर धकेला जाता है तो इसके लिए आवाज उठाने की जरूरत है। लेकिन महासभा द्वारा सोशल मीडिया पर आवाज नहीं उठाई जाती है जो खेद जनक है। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी व्दारा कायस्थ समाज से आने वाले नेता की उपेक्षा हो तो आवाज उठनी चाहिए चाहे भाजपा के रविशंकर प्रसाद का मामला हो या कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय का या राजद के विनोद श्रीवास्तव का।
 कार्यक्रम को राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ- मनीष आनंद, कार्यकारी अध्यक्ष- अरविंद कुमार मुकुल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष- जे. के. दत्ता, राष्ट्रीय सचिव- अनूप कुमार सिन्हा, मधुबनी से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित विभा देवी व जिला अध्यक्ष महेन्द्र कर्ण, मुकेश कर्ण, मनीष सिन्हा, अमिताभ सिन्हा, प्रभात कर्ण एवं अन्य  कायस्थ बिभूतियों ने संबोधित किया।
कार्यक्रम के सफल सफल बनाने में मनोज कर्ण, सुमन वर्मा, एम. के.श्रीवास्तव, अमित कुमार, राजगृहार, मिथिलेश वर्मा, दीपक सिन्हा, अंकज कुमार, पंकज वर्मा, पूनम लाल, कंचन वाला, संगीता राजगृहर, प्रियंका, वंदना सिन्हा, माला वर्मा, कंचन कुमारी वर्मा इत्यादि की भूमिका सराहनीय रही. मंच का सफल संचालन प्रवीण कुमार चुन्नु ने किया।

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